भारतीय लोकतंत्र और एकता का प्रतीक
घंटा घर

घंटा घर

सर एडविन लुट्येंस द्वारा 1925 में निर्मित किया गया घण्टाघर एक विरासत भवन है। मूल रूप से बैंड हाऊस के रूप में जाना जाने वाला यह भवन बैंड के लिए निर्मित किया गया था और अब यह राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर का स्वागत कक्ष है। इससे पहले इसे राष्ट्रपति भवन के डाकघर और आवासीय मकानों के रूप में उपयोग में लाया जाता था।.

The Clock Tower

The Clock Tower-1

सम्पदा के केन्द्रीय और मुख्य चिह्नों में से एक घण्टाघर, 23 मीटर ऊंचा है। तिरछे कोनों वाला वर्गाकार ढांचे में पत्थर की कुंडी के साथ मेहराबदार गुफा और फव्वारों के लिए शेर के मुख वाला जल प्रपात है। प्रत्येक ओर केन्द्र में दो गोलाकार स्तम्भ सहित आगे निकले हुए बरामदे के स्तंभ हैं। बरामदे मुख्य द्वार का कार्य करते हैं।

The Clock Tower-2

घण्टाघर में स्थापित क्लॉक पद्धति को सुप्रसिद्ध जे.बी. ज्वायस और इंग्लैंड की कम्पनी ने निर्मित किया था जिसकी पूरे विश्व में अनेक महत्त्वपूर्ण भवनों में स्थापना है जिसमें चेस्टर में पूर्व द्वार क्लॉक और अन्य में संघाई कस्टम हाऊस शामिल है। राष्ट्रपति भवन के घण्टाघर में ‘जेबी ज्वायस एण्ड कंपनी लिमिटेड, विट चर्च 1924’ खुदा हुआ है। इस घड़ी के नवीकरण का कार्य इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी , दिल्ली द्वारा 2015 में आरम्भ किया गया था जबकि भवन की बहाली इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट्स एण्ड कल्चरल हेरिटेज (इनटैच), दिल्ली द्वारा की गई थी। बिल्डिंग की मूल बनावट को संरक्षित करने के लिए विशेष सावधानी बरती गई। अब सभी फायर प्लेस, कोणीय, चतुषकोण और वुड वर्क को संरक्षित कर दिया गया है और उनकी मूल डिजाईन और अंतिम रूप में बहाली कर दी गई है। यहां तक कि भवन के मूल प्लास्टर को भी संरक्षित कर लिया गया है।