भारतीय लोकतंत्र और एकता का प्रतीक

घंटा घर

सर एडविन लुट्येंस द्वारा 1925 में निर्मित किया गया घण्टाघर एक विरासत भवन है। मूल रूप से बैंड हाऊस के रूप में जाना जाने वाला यह भवन बैंड के लिए निर्मित किया गया था और अब यह राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर का स्वागत कक्ष है। इससे पहले इसे राष्ट्रपति भवन के डाकघर और आवासीय मकानों के रूप में उपयोग में लाया जाता था।.

The Clock Tower

The Clock Tower-1

गणतंत्र मंडप

राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप की अत्यंत सादगी सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है चूंकि यह निर्विवाद रूप से प्रेजीडेंशियल पैलेस का सर्वाधिक भव्य कक्ष है। रॉबर्ट बायरन, सुप्रसिद्ध इतिहासकार और कला आलोचक ने ठीक ही कहा है, ‘अपने लिए निर्धारित किए गए डिजायन के उच्च स्तर में लुटियन्स ने कहीं भी चूक नहीं की।’

Ganatantra_Mandap

लाइब्रेरी

गणतंत्र मंडप की दुहिता के रूप में पहचानी जाने वाली राष्ट्रपति भवन की लाइब्रेरी भवन के उत्तर पूर्वी कोने में स्थित है और यहां नार्थ स्टेयरकेस द्वारा पहुंचा जा सकता है।

Daughter of the Ganatantra Mandap

A circle within a square

लाँग ड्राइंग रूम

लाँग ड्राइंग रूम (एलडीआर) जैसा कि इसका नाम है राष्ट्रपति भवन का एक सम्मेलन कक्ष जहां राष्ट्रपति राज्यपालों/उपराज्यपालों के वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया करते हैं। इस कक्ष को माननीय राष्ट्रपति द्वारा चयनित समूहों और संगठनों के साथ बैठक के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। गणतंत्र मंडप के समीप अवस्थित इस लाँग ड्राइंग रूप में दो दरवाजे हैं जो नॉर्थ ड्राइंग रूम और साउथ ड्राइंग रूम के दोनों ओर के गलियारे में खुलते हैं।

Long Drawing Room

म्यूजिकल गार्डन

म्यूजिकल गार्डन का उद्घाटन फरवरी 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पहल पर किया गया था। संगीत और विज्ञान को मिलाकर बनाया गया मानव रचनात्मकता का यह एक उदाहरण है। इसे राष्ट्रपति संपदा में एक ऐसे क्षेत्र में स्थापित किया गया है जिसे पहले नर्सरी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इस म्यूजिकल गार्डन में पानी के तीन बड़े फव्वारे हैं जो डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्म, हाइड्रो डायनेमिक्स और हाइड्रोस्टैटिक्स को दर्शाते हैं। डिजिटाइज्ड संगीत बजाया जाता है और ऑडियो सिस्टम को कम्प्यूटरीकृत प्रोग्राम के माध्यम से चलाया जाता है

आयताकार उद्यान

आयताकार उद्यान राष्ट्रपति भवन के सबसे निकट है। यह कहा जाता है कि उद्यान की वृहद ज्यामितीय अभिकल्पना की सराहना भवन के प्रथम मंजिल से ही की जा सकती है। उत्तर और दक्षिण से दो समानांतर जलधाराएं एक दूसरे को काटती हुई पूर्व से पश्चिम की ओर जाती हैं। ये जल की धाराएं उद्यान को वर्गाकार वृत्त में विभक्त करती हैं। इन जलधाराओं के मिलन स्थल पर बलुआ पत्थर के फव्वारे जिनका आकार विक्टोरिया रेगिया लिलि से प्रेरित है, में 12 फुट तक के जल जेट लगे हुए हैं। उद्यान के चारों ओर करीने से मौलश्री वृक्ष लगाए गए हैं।

उत्तरी बैठक (नॉर्थ ड्राइंग रूम)

नॉर्थ ड्राइंग रूम में भारत के राष्ट्रपति राजकीय दौरा करने वाले प्रमुखों का स्वागत करते हैं। राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप के निकट अवस्थित रुचिकर रूप से बनाए गए इस कमरे की दीवारों को बर्मा के टीक तख्तों से सजाया गया है और इसके सुंदर काष्ठ फर्नीचर दो राष्ट्र प्रमुखों की बैठक के लिए उपयुक्त परिवेश प्रदान करता है। बहुधा टीक को ही राष्ट्रपति भवन में इस्तेमाल किया गया है, तथापि सुसज्जित करने वाले फर्नीचर के लिए, ‘पादोक, शीशम, एनी, ब्लेकवुड, पून, कोको, वॉलनट और एबोनी’ का भी इस्तेमाल किया गया है। कुर्सियों सहित इस कमरे के फर्नीचर को सर एडविन लुट्येन्स द्वारा स्वयं डिजायन किया गया था। गोलाकार पैटर्

आध्यात्मिक उद्यान

राष्ट्रपति भवन का आध्यात्मिक उद्यान जो नि:संदेह तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. कलाम की अनुपम खोज है – को प्राय: अनूठी रचना कहा जाता है। इस उद्यान में भारत में प्राचीन काल से उपयोग किए गए विभिन्न धर्मों से जुड़े पेड-पोधे उगाए जाते हैं और उनकी सावधानीपूर्वक देखभाल की जाती है। इस उद्यान की संकल्पना धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं के बावजूद समाज में समरसता और सहअस्तिव के संदेश के प्रसार के लिए की गई थी।

Spiritual Garden

अशोक मंडप

अशोक मंडप राष्ट्रपति भवन के अत्यधिक आकर्षक और सुसज्जित कक्षों में से एक है। रोचक बात यह है कि कलात्मक रूप से निर्मित विशाल यह स्थान अब महत्त्वपूर्ण समारोहिक आयोजनों, विदेशों के मिशनों के प्रमुखों के पहचान-पत्र प्रस्तुत करने के लिए प्रयोग किया जाता है जिसे पहले स्टेट बॉल रूम के लिए उपयोग में लाया जाता था।

Ashok Mandap

Ashok Mandap2

अतिथि स्कंध

राष्ट्रपति भवन का दक्षिण पश्चिम स्कंध कहे जाने वाले अतिथि स्कंध में तीन तल हैं प्रथम तल की विशेष रूप से राष्ट्राध्यक्ष, उनकी पत्नी/पति और शिष्टमंडल के वरिष्ठ सदस्य की मेजबानी के लिए आरक्षित किया गया है। इसके दो प्रमुख सुइट द्वारका और नालंदा जो पूर्व में इरविन और रीडिंग सुइट थे, में राष्ट्राध्यक्ष, महाराजा, महारानी तथा अन्य महत्त्वपूर्ण विशिष्टगणों को ठहराया गया है।

Guest Wing