भारतीय लोकतंत्र और एकता का प्रतीक
बैंक्वेट हॉल

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बैंक्वेट हॉल जिसे स्टेट डाइनिंग रूम के नाम से भी जाना जाता है, का एक शानदार विवरण है। इस कमरे से जो कि 104 फुट लंबा, 34 फुट चौड़ा और 35 फुट ऊंचा है, एक ओर मुगल गॉर्डन दिखाई देता है। बैंक्वेट हॉल की दीवारों को बर्मा के टीक तख्तों से सजाया गया है जबकि इसके फर्श ग्रे कोटा पत्थर और सफेद मकराना संगमरमर पैटर्न में बने हुए हैं। लंबी धारीदार कारीगरी वाले स्तंभों के ऊपर लकड़ी में खुदाई, लुट्यन्स के मौन घंटों के रूपांकन ठीक वैसे ही देखे जा सकते हैं जैसे कि फोरकोर्ट में टस्कन पिलर्स के ऊपर रखे गए हैं।

तथापि हाल ही में इन्हें बैंक्वेट हॉल में लगाया गया है जबकि इससे पहले दीवारों पर मध्यकालीन अस्त्र-शस्त्रों के संग्रह प्रदर्शित किए हुए थे। इस कमरे की ऊंचाई पर 4 लंबे झूमर लगे हुए हैं जो पूरे कमरे को आलोकित करते हैं।

ये 28 भित्ती स्तंभ (पिलेस्टर्स) 13 फुट ऊंचे हैं और इन पर ज़रादोजी पट्टिकाओं, स्वर्ण और चांदी के धागों से कारीगरी की गई है।

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भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन, डॉ. वी.वी गिरी, डॉ. फखरूद्दीन अली अहमद, आर. वेंकटरमन, डॉ. शंकर दयाल शर्मा और के आर नरायणन के कैनवस पर बने आदमकद चित्रों से बैंक्वेट हॉल की दीवारें सजी हुई हैं। इन पेंटिंग्स को स्वर्णिम पत्र के फ्रेम द्वारा अलंकृत किया गया है। बैंक्वेट हॉल के दक्षिणी छोर पर महात्मा गांधी का चित्र रखा गया है

दो चिमनियों के ऊपर एक वीणा की आकृति में घड़ियां देखी जा सकती हैं। कहा जाता है कि इसे लूट्येन्स ने स्वयं डिजाइन किया गया था।

वास्तव में क्रिस्टोफर हसे ने अपनी पुस्तक में लिखा है, ‘... (लुट्येन्स) सहजता से असंख्य दिल्ली एडवाइजरी कमिटियों में हैं और उन्होंने लगभग भवन की सभी वस्तुओं घड़ी, साज समान को स्वयं डिजाइन किया।’

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राष्ट्रपति भवन के बैंक्वेट हॉल में एक समय पर 104 व्यक्ति बैठ सकते हैं। इसे राष्ट्रपति द्वारा यात्रा पर आए समकक्षों के राजभोज के आयोजन के लिए प्रयोग किया जाता है। इससे पहले बैंक्वेट हॉल का प्रयोग प्रधान मंत्री द्वारा सरकार के अन्य प्रमुखों के लिए राजभोज आयोजित करने के लिए किया जाता था। राष्ट्रपति भवन में यह परंपरा समाप्त कर दी गई और इसे 1980 में हैदराबाद हाउस में स्थानांतरित कर दिया गया। दक्षिणी छोर पर मेजनाइन तल पर एक बैंड गैलरी है। इस गैलरी को पहले म्यूजिशियन गैलरी कहा जाता था और इसे राजभोज के दौरान लाइव संगीत के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इस गैलरी की ऊंची दीवारों के कारण संगीतज्ञ दिखाई नहीं देते हैं।

बैंक्वेट हॉल के एक अन्य ध्यान देने वाले ब्योरों में तीन विलक्षण लाइट्स का उपयोग है। हेड बटलर जो तैयारी और सामान परोसने को देखने के लिए बैंक्वेट के दौरान टेबल के दक्षिणी छोर पर खड़ा रहता है, इन लाइट्स का नियंत्रक होता है जिन्हें टीक के तख्तों पर ऊंचाई पर स्थान दिया गया है, जबकि नीला प्रकाश बैंक्वेट हॉल में भोजन लाने का संकेत देता है, हरा प्रकाश सेवा आरंभ करने की तरफ इशारा करता है और लाल प्रकाश प्रत्येक कोर्स के बाद प्लेटों को उठाने का संकेत करता है। यह एक कुशल कार्य है जिसे राष्ट्रपति भवन के हेड बटलर और उसकी दक्ष टीम द्वारा बहुत ही सजगता से पूरा किया जाता है। मांसाहारी व्यक्ति से पृथक शाकाहारी की पहचान के लिए शाकाहारी के सामने लाल गुलाब के छोटे गुलदस्ते शानदार तरीके से रखकर विचारपूर्वक प्रबंध किया जाता है।

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राष्ट्रपति भवन का बैंक्वेट हॉल विश्व के कई नेताओं के विवेकपूर्ण शब्दों, भाइचारे और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का साक्षी रहा है जिसमें क्वीन एलिजाबेथ और संयुक्त राष्ट्र अमरीका के राष्ट्रपति आइजनआवर और चीन के प्रधान मंत्री चाउ-एन-लाई, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान, युगोस्लाविया के मार्शल टीटो और भी अन्य शामिल हैं।