गार्ड परिवर्तन समारोह चेंज ऑफ गार्ड सेरेमनी एक सम्मानित सैन्य परम्परा है जो प्राचीन काल से सेना से जुड़ी हुई है जिसमें महलों, किलों तथा रक्षा प्रतिष्ठानों में गार्डों व संतरियों को एक निर्धारित समय पर बदला जाता है। यह परम्परा केवल सुरक्षा से ही नहीं जुड़ी है, बल्कि सतर्कता, अनुशासन, परम्परा एवं निरंतरता का प्रतीक भी है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति सुरक्षा गार्ड तथा सैन्य सुरक्षा बटालियन संयुक्त रूप से गार्ड परिवर्तन समारोह आयोजित करते है।
गार्ड परिवर्तन समारोह का दृश्य
भारत की समृद्ध सैन्य विरासत का प्रतीक यह भव्य समारोह प्रत्येक सप्ताह आयोजित किया जाता है जिसमें सशस्त्र बलों के अनुशासन और सुव्यवस्थित परंपरा का प्रदर्शन किया जाता है। राष्ट्रपति भवन के प्रवेश द्वार संख्या 1 पर इस ऐतिहासिक भवन की पृष्ठभूमि में आयोजित होने वाला यह समारोह अत्यंत मनमोहक दृश्य उपस्थित करता है। तीस मिनट का यह कार्यक्रम राष्ट्रपति अंगरक्षक दल के साथ शुरू होता है, जो अपने सुसज्जित और बेहतरीन घोड़ों पर सवार होकर जयपुर कॉलम के पीछे से आर्मी ब्रास बैंड के शानदार संगीत के साथ आगे बढ़ता है। राष्ट्रपति के अंगरक्षक और सेना के गार्ड, बेदाग वर्दी पहने हुए, सैन्य शिष्टाचार के उच्चतम मानकों का उदाहरण देते हुए सावधान की मुद्रा में खड़े होते है। समारोहिक सवारी (Procession) में राष्ट्रपति के अंगरक्षक अपने बहुत ऊँचे घोड़ों पर जिनके पीछे सेना गार्ड की टुकड़ी होती है, गूंजते सैन्य संगीत पर उत्तम फार्मेशन में मार्च करते है। उनकी चाल की सटीकता इन सैनिकों के कठोर प्रशिक्षण और समर्पण को दर्शाती है।
गार्ड परिवर्तन समारोह के दौरन पृष्टभूमि में राष्ट्रपति भवन की शानदार वास्तुकला एवं हरे भरे उद्यान
समारोह का समापन राष्ट्रपति के अंगरक्षक दल द्वारा प्रभावशाली घुड़सवारी प्रदर्शन के साथ होता है, जो समारोह का मुख्य आकर्षण होता है, जिसके बाद राष्ट्रगान बजाया जाता है।
पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति भवन की शानदार वास्तुकला और हरे-भरे उद्यान, समारोह की भव्यता को और बढ़ा देते है। आगंतुक अक्सर आसपास के शांत सौंदर्य से प्रभावित होते हैं, जिससे गार्ड परिवर्तन समारोह एक सामान्य सैन्य गतिविधि नहीं बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक समारोह का स्वरूप ले लेता है।